Sunday, April 20, 2025

83 वर्ष के फिल्म मेकर गंगू रामसे का लंबी बीमारी से पीड़ित होने के कारण मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में हुआ निधन :

DIGITAL NEWS GURU ENTERTAINMENT DESK:

83 वर्ष के फिल्म मेकर गंगू रामसे का लंबी बीमारी से पीड़ित होने के कारण मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में हुआ निधन 

बॉलीवुड के जाने-माने दिग्गज सिनेमैटोग्राफर गंगू रामसे का 83 साल की उम्र में रविवार 7 अप्रैल को निधन हो गया है। हालाकि ऐसा बताया जा रहा है , कि गंगू रामसे काफी लंबे टाइम से बीमार थे और उन्हें मुंबई के एक प्राइवेट अस्पताल में एडमिट कराया गया था ,जहां से उन्होंने आज सुबह 8:00 बजे दुनिया को अलविदा कह दिया है।

बता दें कि गंगू रामसे हॉरर फिल्मों के लिए मशहूर थे।बॉलीवुड इंडस्ट्री से एक दुखद खबर सामने आ रही है। दरअसल, दिग्गज सिनेमैटोग्राफर गंगू रामसे का रविवार 7 अप्रैल को निधन हो गया। ऐसा बताया जा रहा है कि गंगू लंबे वक्त से बीमार थे, जिसके बाद उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां रविवार को सुबह 8 बजे उन्होंने 83 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया है।

बेहतरीन सिनेमैटोग्राफर थे गंगू रामसे

गंगू रामसे चर्चित रामसे ब्रदर्स में से एक प्रसिद्ध सिनेमैटोग्राफर और फिल्म निर्माता एफयू रामसे के दूसरे नंबर के बेटे थे। अपने पिता की ही तरह ही गंगू रामसे भी एक बेहतरीन सिनेमैटोग्राफर बने, जिन्होंने सिने जगत पर अपनी गहरी छाप छोड़ी। गंगू रामसे ने रामसे ब्रदर्स के बैनर तले 50 से ज्यादा फिल्मों में सिनेमैटोग्राफी की।इन फिल्मों में ‘वीराना’, ‘पुराना मंदिर’, ‘बंद दरवाजा’, ‘दो गज जमीन के नीचे’, ‘सामरी’, ‘तहखाना’, ‘पुरानी हवेली’ जैसी कई हॉरर फिल्में बनाई हैं।

इसके साथ ही उन्होंने अभिनेता ऋषि कपूर के साथ भी ‘खोज’ जैसी क्लासिक फिल्म की थी। फिल्मों के अलावा रामसे ब्रदर्स ने टीवी जगत में भी अपनी अलग पहचान बनाई। उनका शो ‘द जी हॉरर शो’ काफी चर्चा में रहा था। यह शो साल 1993 से 2001 तक 8 साल चला था। इसके अलावा उन्होंने टीवी सीरीज ‘सैटरडे सस्पेंस’, ‘नागिन’ और ‘जिम्बों’ के लिए भी काम किया था।

रामसे ब्रदर्स ने संभाली अलग-अलग जिम्मेदारी

एफयू रामसे के सात बेटे हैं। कुमार रामसे, गंगू रामसे, तुलसी रामसे, अर्जुन रामसे, श्याम रामसे, केशु रामसे और किरण रामसे। इन सभी भाइयों ने रामसे ब्रदर्स में अलग-अलग जिम्मेदारी संभाली। स्क्रिप्टिंग का काम कुमार रामसे ने संभाला, गंगू रामसे ने सिनेमैटोग्राफी, किरण रामसे ने साउंड का काम, केशु रामसे ने प्रोडक्शन का काम संभाला, अर्जुन रामसे ने संपादन का काम संभाला तथा श्याम रामसे ने अपने भाई तुलसी रामसे के साथ निर्देशन का काम भी संभाला।


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