Saturday, September 21, 2024

17 सितंबर: जानिए इस आर्टिकल में विश्वकर्मा पूजा, अनंत चतुर्दशी और बुढ़वा मंगल का महत्व!

DIGITAL NEWS GURU RELIGIOUS DESK:

17 सितंबर: जानिए इस आर्टिकल में विश्वकर्मा पूजा, अनंत चतुर्दशी और बुढ़वा मंगल का महत्व!

आज 17 सितंबर का दिन बहुत ही खास है क्योंकि आज 17 सितंबर को भगवान विश्वकर्मा की पूजा के साथ-साथ अनंत चतुर्दशी तथा बुढ़वा मंगल यानी की हनुमान जी की जयंती भी मनाई जा रही है और 17 सितंबर के दिन विश्वकर्मा जी की पूजा की जाती है और आज का दिन बहुत ही खास है।

आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा क्यों मनाई जाती है और साथ ही अनंत चतुर्दशी से जुड़े हुए कुछ महत्वपूर्ण मुहूर्त और तथ्यों के बारे में भी बताएंगे ।

आज के दिन यानी कि आज बुढ़वा मंगल के दिन हनुमान जी की पूजा किस प्रकार से की जा रही है यह भी हम आपको इस आर्टिकल में बताने जा रहे हैं। तो सबसे पहले हम बात करते हैं अनंत चतुर्दशी के बारे में…..

 अनंत चतुर्दशी 

अनंत चतुर्दशी भारतीय संस्कृति और धर्म में विशेष महत्त्व रखती है। यह पर्व मुख्य रूप से हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा के रूप में मनाया जाता है। अनंत चतुर्दशी का अर्थ है ‘अनंत’ (जिसका कोई अंत न हो) और ‘चतुर्दशी’ (चौदहवां दिन), जो भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है।

  • अनंत चतुर्दशी का धार्मिक महत्व

ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु सृष्टि, पालन और संहार की प्रक्रिया को नियंत्रित करने वाले देवता हैं और अनंत रूप में वह सम्पूर्ण ब्रह्मांड का संचालन करते हैं। लोग आज भगवान विष्णु की पूजा कर उनसे अपने जीवन में सुख शांति और समृद्धि की मनोकामना मांगते हैं।

अनंत चतुर्दशी से जुड़ी एक प्रमुख पौराणिक कथा महाभारत के काल से भी संबंधित है। पांडवों के वनवास के समय, श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को अनंत चतुर्दशी का व्रत रखने का परामर्श दिया था ताकि उनकी कठिनाइयां समाप्त हों। कथा के अनुसार, इस व्रत से युधिष्ठिर को अपना खोया राज्य फिर से प्राप्त हुआ और उनके सभी कष्ट दूर हो गए। इस कथा के आधार पर, यह पर्व संकटों के निवारण और अनंत भगवान की कृपा प्राप्ति के लिए विशेष महत्त्व रखता है।

 विश्वकर्मापूजा

हर साल की भांति इस साल भी विश्वकर्मा पूजा आज 17 सितंबर को मनाई जा रही है विश्वकर्मा पूजा का अपना अलग ही महत्व है तो आईए जानते हैं कि विश्वकर्मा पूजा का क्या महत्व है और इस पर्व को लोग किस प्रकार से लोग मानते हैं।
हमारे हिंदू धर्म में भगवान विश्वकर्मा को निर्माण, रचना और सृजन देवता माना गया है।

भगवान विश्वकर्मा की पूजा विशेष रूप से कारीगर, शिल्पकार, इंजीनियर, आर्किटेक्ट और निर्माण कार्य क्षेत्र से जुड़े लोगों और संस्थानों द्वारा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि विश्वकर्मा जयंती के दिन औजारों, मशीनों और उपकरणों की पूजा जरूर करनी चाहिए। इससे आपके जीवन में और आपके कार्य व्यापार में भगवान विश्वकर्मा की कृपा प्राप्त होती है उनकी कृपा से और कार्य सुचारू रूप से चलता है और सफलता मिलती है।

बुढ़वा मंगल का क्या है महत्व 

बुढ़वा मंगल को लेकर ऐसी मान्‍यता है कि इस दिन हनुमान चालीसा, बजरंगबाण का पाठ करने और सुंदरकांड को पढ़ने से भक्‍तों को हनुमानजी का आशीर्वाद प्राप्‍त होता है और बजरंगबली प्रसन्‍न होते हैं।

 आज के दिन ऐसे करें हनुमानजी की पूजा

 आज के दिन सुबह स्‍नान करके हनुमानजी की प्रतिमा के सामने लाल फूल चढ़ाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें। आप अपनी श्रद्धा के अनुसार सुंदरकांड का पाठ भी कर सकते हैं। साथ ही हनुमानजी की पूजा करें और भगवान को लाल चंदन का टीका लगाएं। इसके बाद शाम को बजरंग बली को चूरमा या फिर बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं और प्रसाद को बांट दें।


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